Maha ki shayri

सिर्फ मस्जिद मंदिर र्चच गुरुद्वारा मे ही उलझे हुए है हम हकीकत यह है कि ईनसानियत से परे हुये हैं हम कोई बात नहीं अगर भुख से मरता किसान हैं कोई फरक नही की नशे मे आज की संतान हैं सोचना जरूर मेरे हम वतन के लोगो कया यही भारत महान है (MSHA)