मशा की शायरी 5/6
दोस्तों ऐसा कौन सा काम हैं जीस मे करना कुछ नहीं होता
फिर भी एक पल चैन नहीं होता
समझने वाले समझ जाएंगे जो न समझे वो बिल्कुल खोता
जबा जल्दी से देना
मशा नाम है मेरा ...।
शेर - लोग फुलो को सजाते हैं दिखाने के लिए
मैंने अपना दिल बिछा रखखा हैं उन को आने के लिए
शेर- दर्द से रिश्ता है मेरा सुकून को कया करता
फुक दिया है दफन किया है और भला क्या करता
मुफलिसी मे ईशक का तमाशा. गवारा न कर सका दिल
ऐ साकी़ तेरी एक नज़र मरता नही कया करता
फिर भी एक पल चैन नहीं होता
समझने वाले समझ जाएंगे जो न समझे वो बिल्कुल खोता
जबा जल्दी से देना
मशा नाम है मेरा ...।
शेर - लोग फुलो को सजाते हैं दिखाने के लिए
मैंने अपना दिल बिछा रखखा हैं उन को आने के लिए
शेर- दर्द से रिश्ता है मेरा सुकून को कया करता
फुक दिया है दफन किया है और भला क्या करता
मुफलिसी मे ईशक का तमाशा. गवारा न कर सका दिल
ऐ साकी़ तेरी एक नज़र मरता नही कया करता