Liked on YouTube: बड़ा खुलासा : खुलासा का सच जानकर आपके पैरों से जमीन खिसक जाएगी || Avi Dandiya ||
बड़ा खुलासा : खुलासा का सच जानकर आपके पैरों से जमीन खिसक जाएगी || Avi Dandiya ||
बड़ा खुलासा : खुलासा का सच जानकर आपके पैरों से जमीन खिसक जाएगी || #AviDandiya || #GlobalPanchayat #Abhinandan शाम को छोटे भाई ने बड़ी हैरानी से मुझे एक वीडियो क्लिप दिखाई.. (नोट: वो वीडियो हमारी टीम के एक सदस्य ने इसी चैनल पर अपलोढ़ भी किया है!) एक साहब हैं अवि डांडिया! कहीं बाहर रहते हैं.. उन्होंने अपने फ़ेसबुक पेज पर लाइव आकर एक ख़ुलासा किया.. उस ख़ुलासे में उन्होंने एक ऑडियो क्लिप सुनाई जिसमें भाजपा के राजनाथ सिंह जी, अमित शाह और एक अनजान औरत की आवाज़ थी.. उस ऑडियो में वो लोग बात कर रहे थे कि अपने सैनिकों पर अटैक करवाया जाए ताकि वोट लिए जा सकें! मैंने ध्यान से उसे सुना और सुनते ही कह दिया कि ये फ़र्ज़ी है... मेरा भाई कहने लगा कि "ऐसे आप कैसे बोल सकते हैं कि फ़र्ज़ी है? ये आदमी इतना बड़ा रिस्क ले कर दावा कर रहा है... अपनी जान जोखिम में डाल कर?" मैंने अपने भाई से कहा कि "इस क्लिप में राजनाथ सिंह जी की आवाज़ न होती तो मैं एक बार को सोच भी सकता था कि हो सकता है ये सही हो... मगर उनकी आवाज़ है तो ये क्लिप पक्का फ़ेक है!" मेरा भाई कहने लगा कि "ये क्या बात हुई भला?" मैंने कहा कि "इतनी तो समझ है ही मेरे अंदर इंसान पहचानने की.. राजनाथ सिंह कह रहे हैं कि सैनिकों को मारो वोट के लिए, ये हज़म करने वाली बात नहीं है.. बीजेपी के बहुत से लोग हैं जिनके लिए मैं इस तरह की बात नहीं सोच सकता.. यहां तक कि मोदी की भी आवाज़ होती तो भी मैं यही कहता कि क्लिप झूठी है!" ख़ैर जब नेट पर सर्च किया तो पाया कि अल्टन्यूज़ ने उसे फ़ेक घोषित कर दिया है.. वो राजनाथ जी, अमित शाह के कई इंटरव्यू के अंश से बनाई गई क्लिप थी! मेरा दोस्त भी साथ ही बैठा था.. वो भी शंका में था.. जब नेट पर उसने भी पढ़ लिया तो समझा.. फिर मैंने अपने दोस्त को समझाया कि "देखो विरोध और नफ़रत में बहुत बारीक से अंतर होता है.. जब मेरे भाई ने मुझे क्लिप सुनाई तो मैंने उसे बिल्कुल न्यूट्रल हो कर सुना.. मेरे मन में ऐसा कोई भाव नहीं था कि ये बीजेपी नेताओं की है तो सच होगी ही... उसे मैं ऐसे ही सुन रहा था जैसे मैं धर्म की किताबें और इतिहास न्यूट्रल हो कर पड़ता हूँ... सामने वाले से दुश्मनी का भाव रखकर उसके बारे में न तो कुछ सुनना चाहिए और न देखना... मोदी से मेरा छत्तीस का आंकड़ा हो सकता है मगर मैं जानता हूँ कि किस हद तक वो आदमी जाएगा... अब ऐसा भी नहीं है कि इमरान खान से भावुक होकर मैं मोदी को कुचलने को तैयार हो जाऊं... मुझे पता है कि घर की लड़ाई कितनी लड़ी जाय कि वो घर मे ही रहे और वो आपस की ही रहे न कि पड़ोसी मज़े लेने लगें!" मैंने अपने दोस्त से आगे कहा कि "ये दौर बहुत मुश्किल का है... हमें सच और झूठ के बीच अपना सच तलाशने से बचना है... हमें सच वही तलाशना है जो सबका हो... ऐसा न हो कि तुम हिन्दू हो तो हिन्दू का सच ढूंढ रहे हो, और मैं मुसलमान हूँ तो मुसलमान का सच ढूंढ रहा हूँ... सच हमें वो तलाशना है और वो पकड़ना है जो हम सब का साझा सच हो और इंसानियत का हो... इस मुश्किल दौर में सब अपना अपना सच लिए फिर रहे हैं... इसलिए बहुत सोच समझकर सच चुनों... बिना किसी नफ़रत के और बिना किसी गुस्से के... कोई भाजपा का होता तो आंख बंद करके अवि डांडिया की इस क्लिप को फ़ेक कहता, चाहे उसमे कोई भी नेता होता, और कोई दूसरी पार्टी का होता तो इसे सच मान लेता... दोनों ही ग़लत हैं क्योंकि दोनों अपना अपना सच पहले से स्वीकारे बैठे हैं!" आप सब से भी मैं यही कहना चाहता हूँ जो मैंने अपने दोस्त से कहा है... पागलपन में मत बहिये... लोग बैठे हैं फ़ायदा उठाने को... अवि डांडिया जैसों को सुनिए और तौलिये... फिर स्वीकार कीजिये बिना जाँच के किसी पर विश्वास न करे! मैं इस प्रोपोगंडा ऑडियो की बहुत भर्त्सना करता हूँ ~ ताबिश सिद्दीकी
via YouTube https://youtu.be/jjuJSe_a2t0
बड़ा खुलासा : खुलासा का सच जानकर आपके पैरों से जमीन खिसक जाएगी || #AviDandiya || #GlobalPanchayat #Abhinandan शाम को छोटे भाई ने बड़ी हैरानी से मुझे एक वीडियो क्लिप दिखाई.. (नोट: वो वीडियो हमारी टीम के एक सदस्य ने इसी चैनल पर अपलोढ़ भी किया है!) एक साहब हैं अवि डांडिया! कहीं बाहर रहते हैं.. उन्होंने अपने फ़ेसबुक पेज पर लाइव आकर एक ख़ुलासा किया.. उस ख़ुलासे में उन्होंने एक ऑडियो क्लिप सुनाई जिसमें भाजपा के राजनाथ सिंह जी, अमित शाह और एक अनजान औरत की आवाज़ थी.. उस ऑडियो में वो लोग बात कर रहे थे कि अपने सैनिकों पर अटैक करवाया जाए ताकि वोट लिए जा सकें! मैंने ध्यान से उसे सुना और सुनते ही कह दिया कि ये फ़र्ज़ी है... मेरा भाई कहने लगा कि "ऐसे आप कैसे बोल सकते हैं कि फ़र्ज़ी है? ये आदमी इतना बड़ा रिस्क ले कर दावा कर रहा है... अपनी जान जोखिम में डाल कर?" मैंने अपने भाई से कहा कि "इस क्लिप में राजनाथ सिंह जी की आवाज़ न होती तो मैं एक बार को सोच भी सकता था कि हो सकता है ये सही हो... मगर उनकी आवाज़ है तो ये क्लिप पक्का फ़ेक है!" मेरा भाई कहने लगा कि "ये क्या बात हुई भला?" मैंने कहा कि "इतनी तो समझ है ही मेरे अंदर इंसान पहचानने की.. राजनाथ सिंह कह रहे हैं कि सैनिकों को मारो वोट के लिए, ये हज़म करने वाली बात नहीं है.. बीजेपी के बहुत से लोग हैं जिनके लिए मैं इस तरह की बात नहीं सोच सकता.. यहां तक कि मोदी की भी आवाज़ होती तो भी मैं यही कहता कि क्लिप झूठी है!" ख़ैर जब नेट पर सर्च किया तो पाया कि अल्टन्यूज़ ने उसे फ़ेक घोषित कर दिया है.. वो राजनाथ जी, अमित शाह के कई इंटरव्यू के अंश से बनाई गई क्लिप थी! मेरा दोस्त भी साथ ही बैठा था.. वो भी शंका में था.. जब नेट पर उसने भी पढ़ लिया तो समझा.. फिर मैंने अपने दोस्त को समझाया कि "देखो विरोध और नफ़रत में बहुत बारीक से अंतर होता है.. जब मेरे भाई ने मुझे क्लिप सुनाई तो मैंने उसे बिल्कुल न्यूट्रल हो कर सुना.. मेरे मन में ऐसा कोई भाव नहीं था कि ये बीजेपी नेताओं की है तो सच होगी ही... उसे मैं ऐसे ही सुन रहा था जैसे मैं धर्म की किताबें और इतिहास न्यूट्रल हो कर पड़ता हूँ... सामने वाले से दुश्मनी का भाव रखकर उसके बारे में न तो कुछ सुनना चाहिए और न देखना... मोदी से मेरा छत्तीस का आंकड़ा हो सकता है मगर मैं जानता हूँ कि किस हद तक वो आदमी जाएगा... अब ऐसा भी नहीं है कि इमरान खान से भावुक होकर मैं मोदी को कुचलने को तैयार हो जाऊं... मुझे पता है कि घर की लड़ाई कितनी लड़ी जाय कि वो घर मे ही रहे और वो आपस की ही रहे न कि पड़ोसी मज़े लेने लगें!" मैंने अपने दोस्त से आगे कहा कि "ये दौर बहुत मुश्किल का है... हमें सच और झूठ के बीच अपना सच तलाशने से बचना है... हमें सच वही तलाशना है जो सबका हो... ऐसा न हो कि तुम हिन्दू हो तो हिन्दू का सच ढूंढ रहे हो, और मैं मुसलमान हूँ तो मुसलमान का सच ढूंढ रहा हूँ... सच हमें वो तलाशना है और वो पकड़ना है जो हम सब का साझा सच हो और इंसानियत का हो... इस मुश्किल दौर में सब अपना अपना सच लिए फिर रहे हैं... इसलिए बहुत सोच समझकर सच चुनों... बिना किसी नफ़रत के और बिना किसी गुस्से के... कोई भाजपा का होता तो आंख बंद करके अवि डांडिया की इस क्लिप को फ़ेक कहता, चाहे उसमे कोई भी नेता होता, और कोई दूसरी पार्टी का होता तो इसे सच मान लेता... दोनों ही ग़लत हैं क्योंकि दोनों अपना अपना सच पहले से स्वीकारे बैठे हैं!" आप सब से भी मैं यही कहना चाहता हूँ जो मैंने अपने दोस्त से कहा है... पागलपन में मत बहिये... लोग बैठे हैं फ़ायदा उठाने को... अवि डांडिया जैसों को सुनिए और तौलिये... फिर स्वीकार कीजिये बिना जाँच के किसी पर विश्वास न करे! मैं इस प्रोपोगंडा ऑडियो की बहुत भर्त्सना करता हूँ ~ ताबिश सिद्दीकी
via YouTube https://youtu.be/jjuJSe_a2t0